कन्नोज महाराजा जयचंद गद्दार नहीं , देशभक्त थे
महाराजा जयचंद का नाम आज भारत के इतिहास में भारतीय वामपंथी इतिहासकारो द्वारा राष्ट्रद्रोही शब्द का पर्यायवाची बनाया गया। इनके अनुसार मूहम्मद गौरी को भारत पर आक्रमण करने के लिए महाराजा जयचंद ने आमंत्रित किया था। मूहम्मद गौरी को आमंत्रित करने का मिथक कैसे लोकप्रिय हुआ ? तराईन की लड़ाई के लगभग 400 साल बाद, आइन-ए-अकबरी ने महाराजा जयचंद द्वारा पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ गौरी का साथ देने की झूठी कहानी फैलाई। और जिस गहरवार राजवंश के सम्मान में सलामी दी जानी चाहिए थी, उस राजवंश को राजनीतिक षड्यंत्रों के द्वारा कलंकित किया गया।