चित्तौड़गढ़ के जौहर और शाके में क्षत्रिय वीरो ने अपने धर्म, अपनी स्वतन्त्रता, अपनी आन बान और शान के लिए केसरिया बाना धारण कर और अपने शील और सतीत्व की रक्षा के लिए इन महान वीरांगनाओं ने जो कदम उठाया उस पर क्षत्रिय वंश को ही नहीं अपितु सम्पूर्ण हिन्दू राष्ट्र को गर्व है।