राजा हम्मीर देव चौहान: अपना शीश काटकर शिव को अर्पित कर दिया

राजा हम्मीर देव चौहान: अपना शीश काटकर शिव को अर्पित कर दिया

राजा हम्मीर देव चौहान: क्षत्रिय स्वाभिमान, अडिग संकल्प और अजेय पराक्रम की ज्वलंत ज्योति, रणथम्भौर के अमर प्रतापी शासक राजा हम्मीर देव चौहान भारतभूमि के गौरवशाली इतिहास में अमिट स्वर्णाक्षरों में अंकित हैं। जब तुर्क आक्रांता अलाउद्दीन खिलजी की अजेय सेना ने संपूर्ण भारत को अपने अधीन करने की ठानी, तब वीर हम्मीर देव ने अपनी मातृभूमि की रक्षा हेतु अद्वितीय शौर्य और बलिदान का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। रणथम्भौर का दुर्ग उनका अडिग संकल्प था, जिसे छल, कपट और बाहुबल से तोड़ना असंभव सिद्ध हुआ। हम्मीर देव ने अपने वचन को जीवन से बढ़कर माना और “हम्मीर हठ ” की परंपरा स्थापित की, जिसमें मृत्यु स्वीकार्य थी परंतु आत्मसमर्पण नहीं।